Pashuo ki Bimari se Question in Hindi
#1. नीला थोथा का उपयोग है-
सही उत्तर – कृमिनाशक, जीवाणुरोधक, वमनकारी
व्याख्या – नीले थोथे को कृमिनाशक, जीवाणुरोधक, वमनकारी तथा परजीविघ्न के रूप में उपयोग किया जाता है।
#2. थनैला रोग से प्रभावित पशु अंग है- .
सही उत्तर – दूध बनाने वाली कोशिकाएँ
व्याख्या – थनैला दुधारू पशुओं का संक्रामक रोग है। यह रोग जीवाणु, कवक व सूक्ष्म प्लाजमा से होता है।
#3. पशुओं में आफरे की समस्या हेतु प्रयोग किया जाता है-
सही उत्तर – तारपीन के तेल
व्याख्या – आफरे में अन्य तेलों के साथ तारपीन के तेल की 30-60 मि.ली. मात्रा मिलाकर पशु को पिलाने से लाभ होता है
#4. कत्थई रंग का पदार्थ, जो पानी में घुलने पर सफेद होता है तथा पैरासिटीसाइड के रूप में प्रयुक्त होता है-
सही उत्तर – फिनाइल
व्याख्या – फिनाइल (Phenyl) – यह एक कत्थई रंग का विशेष गंधयुक्त तरल पदार्थ होता है। इसे पानी में घोलने पर यह सफेद रंग का हो जाता हैं।
#5. तारपीन का तेल प्रयोग किया जाता है-
सही उत्तर – मर्दन तेल
व्याख्या – मर्दन तेल (Massaging Oil ) वे तेल जिनका प्रयोग मालिश करने के लिए किया जाता है जैसे- सरसों का तेल, तारपीन का तेल, तिल का तेल आदि ।
#6. पशुओं में एन्थ्रेक्स रोग के लक्षण हैं-
सही उत्तर – उपरोक्त सभी
व्याख्या – इनके अलावा बीमार भेड़ों के पैरा फूलेय हुये, सांस लेने में तकलीफ, जमीन पर आड़ी पड़ी हुई दाँत किटकिटाती है
कभी – कभी जीभ, गला व अगले पैरों में सूजन आ जाती है
#7. पशु की आंख में घाव होने पर प्रोटेक्टिव के रूप में प्रयुक्त होता है-
सही उत्तर – अरण्डी का तेल
व्याख्या – पशु की आँख में कोई बाह्य वस्तु गिर जाने अथवा घाव होने पर अरण्डी के तेल की कुछ बूंदे प्रोटेक्टिव के रूप में डालने से लाभ मिलता है।
#8. पशुओं में होने वाला एन्थ्रेक्स रोग किस रोग कारक के कारण होता है-
सही उत्तर – अरण्डी का तेल
व्याख्या – यह रोग बेसीलस एन्थ्रेसिस नामक जीवाणु द्वारा फैलता है।. यह जीवाणु बीमार पशु के रक्त एवं ऊतकों (बाल, खाल, ऊन, शरीर से निकलने वाले सभी स्रावों) में पाया जाता है।
#9. पेट साफ करने हेतु बड़े पशुओं को अरण्डी के तेल की मात्रा दी जाती है—
सही उत्तर – 600 से 1200 मिली
व्याख्या – अरण्डी का तेल पेंट साफ करने के लिए बड़े पशुओं को 600 से 1200 मि.ली. तथा छोटे पशुओं को 50 से 125 मि.ली. दिया जाता हैं।
#10. खुरपका मुँहपका रोग में दिया जाने वाला टीका है-
सही उत्तर – FMD टीका
व्याख्या – खुरपका-मुँहपका रोग से बचाव के लिए FMD टीका 1-2 मि.ली. अंतः पेशी ( I/M) वर्ष में दो बार ( जून एवं दिसम्बर) में लगाना चाहिए।
#11. कौनसा रोग वायरसों के कारण होता है ?
सही उत्तर – एफ.एम.डी.
व्याख्या – थनेली (Mastitis), एन्थ्रेक्स तथा टी. बी. (TB) रोग जीवाणु (Bacterial) जनित रोग है ।
#12. रिण्डरपेस्ट ( पशुमाता ) रोग किस प्रकार के रोग का उदाहरण है?
सही उत्तर – विषाणु
व्याख्या – इस रोग में बीमार पशु को पतली दस्त रूक-रूककर आती है।
#13. मुर्गियों में चेचक रोग का रोगकारक है—
सही उत्तर – बोरेलियोटा एवियम
व्याख्या – यह वायरस द्वारा फैलने वाला रोग है। मुर्गियों में यह रोग बोरेलियोटा एबियम (Borreliota avium), टर्की में बोरिलिओटा मेलिग्रेडिस (B. meleagridis) तथा कबूतर में बोरेलिओटा कोलुम्बी (B. columbae) स्ट्रेन से फैलता है।
#14. पशुओं में चिचड़ी बुखार का रोग होता है—
सही उत्तर – प्रोटोजोआ द्वारा
व्याख्या – विशेष तौर पर गौ तथा भैंस वंशज पशुओं में किलनियों द्वारा – फैलता है।
#15. मुर्गियों में होने वाला रानीखेत रोग है-
सही उत्तर – विषाणुजनित रोग
व्याख्या –
#16. टिम्पेनाइटिस (आफरा ) एक रोग है—
सही उत्तर – आहार जनित
व्याख्या – यह अधिक गीला चारा खाने के कारण रूमन में दूषित गैसें जैसे CO2, H2S, N2 और NH, के इकट्ठा होने से होता है।
#17. पशुओं में होने वाला खुरपका-मुँहपका रोग के रोगकारक हैं-
सही उत्तर – वायरस
व्याख्या – यह रोग वायरस की 7 प्रजातियों द्वारा फैलाया जाता है।
#18. गाय में दुग्ध ज्वर रोग किसकी कमी से होता है-
सही उत्तर – कैल्सियम
व्याख्या – गाय में दुग्ध ज्वर रोग कैल्सियम की कमी के कारण होता है। इसमें पशुओं के शरीर का तापमान कम हो जाता है।
#19. पशु माता रोग में रोगी पशु का कौन सा अंग प्रभावित होता है?
सही उत्तर – आहार नाल
व्याख्या – पशु माता वायरस जनित संक्रामक रोग है । यह रोग छनित वायरस द्वारा होती है।
#20. पशुओं में होने वाले ‘पशु माता रोग’ के मुख्य लक्षण है—
सही उत्तर – उपरोक्त सभी
व्याख्या – पशु के शरीर का तापक्रम 104°-107° फारेनहाइट तक हो जाता है।