अनेकार्थी शब्दों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

Anekarthi Shabd (अनेकार्थी शब्द )

जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं वे अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं उदाहरण
जलज शब्द के अनेकार्थी शब्द – कमल, मोती ,मछली, चंद्रमा ,सेवार, शंख
अंक शब्द के अनेकार्थी शब्द – संख्या ,गोद, चिन्ह, अध्याय, भाग्य, देह, रेखा, दाग, बगल, नाटक
किरण शब्द के अनेकार्थी शब्द- कर ,रश्मि ,मरीचि ,अंशु ,मयुख ,दीक्षित, सूंड, हाथ 
वर्ण शब्द के अनेकार्थी शब्द – रंग, अक्षर, जाति, रूप, स्वर्ण
अमृत शब्द के अनेकार्थी शब्द – जल, पारा, दूध, स्वर्ण, सुधा, पृथ्वी, पराग, बिजली, सोम
कल शब्द के अनेकार्थी शब्द – मशीन, मधुर, ध्वनि, सुख,चैन, आराम, बीता हुआ कल, आने वाला कल

अनुमति के अनेकार्थी शब्द – आज्ञा, आदेश, अनुज्ञा
कौशिक के अनेकार्थी शब्द  – इंद्र, विश्वामित्र, नेवला, उल्लू ,सपेरा, शिव का एक नाम

Anekarthi Shabd

 

Results

#1. ‘द्विजि’ तथा ‘द्विज’ क्रमशः किसके अनेकार्थी शब्द है?

सही उत्तर – सर्प, ब्राम्हण

व्याख्या – सर्प – उरग, पन्नग, नाग, साँप, द्विजि, सरीसृप ब्राम्हण – विप्र, द्विज, भूसुर, भूदेव, महीसुर

#2. इनमें से कौन-सा शब्द अनेकार्थक शब्द ‘जलज’ से संबद्ध नहीं है

सही उत्तर – हंस

व्याख्या – जलज:- कमल, मोती, मछली, शंख, चाँद, जोंक,सेंवार।

#3. निम्नलिखित में से ‘गोपाल’ शब्द का अनेकार्थी है ?

सही उत्तर – कृष्ण

व्याख्या – गोपाल के अनेकार्थी है – कृष्ण,ग्वाला, गायों को पालने वाला

#4. ‘पाली’ का अनेकार्थक शब्द है ?

सही उत्तर – पंक्ति

व्याख्या – पाली के अनेकार्थी है – पंक्ति, शहर, विशेष, पारी, सीमा, पुल

#5. इनमें से कौन-सा शब्द अर्थ की दृष्टि से ‘द्विज’ से संबद्ध नहीं है?

सही उत्तर – भास्कर

व्याख्या – द्विज (जिसका दो बार जन्म हो ) – पक्षी, दाँत, ब्राह्मण, चन्द्रमा।

 



#6. ‘कल, केश, गुरु’ अनेकार्थक शब्दों के उचित विकल्प बताइए ?

सही उत्तर – बीता हुआ दिन, बाल, बड़ा

व्याख्या – कल:- मधुर, बीता/आने वाला दिन, यंत्र, चैन। बाल:- बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल। गुरु:- भारी, बड़ा, शिक्षक, श्रेष्ठ, बृहस्पति।

 

#7. ‘बादल’के लिए कौनसा शब्द प्रयुक्त होता हैं ?

सही उत्तर – जलद

व्याख्या – मेघ, घन, जलधर, जलद, वारिद, नीरद, सारंग, पयोद, पयोधर

#8. निम्नलिखित में से ‘सारंग’ का अनेकार्थक शब्द नहीं है

सही उत्तर – घोड़ा

व्याख्या – एक राग, मोर, सर्प, बादल, हरिण, सिंह, कामदेव, स्त्री, हंस, कोयल, कपू

 

#9. निम्नलिखित में से ‘मधु’ का अनेकार्थक शब्द नहीं है

सही उत्तर – इज़्ज़त

व्याख्या – मधु – शहद, शराब, पराग, बसंत ऋतु

#10. निम्नलिखित में से ‘बंसी’ का अनेकार्थक शब्द है

सही उत्तर – मछली फँसाने का काँटा

व्याख्या – बंसी – बाँसुरी, मछली फँसाने का काँटा, विष्णु, कृष्णादि के चरणचिह्न।

 



अक्षर – अविनाशी, वर्ण, ईश्वर, आत्मा, आकाश, धर्म, तप।

अंतर – हृदय, भेद, फर्क, व्यवधान, अवधि, अवसर।

अमर – ईश्वर, देवता, शाश्वत, आकाश और धरती के मध्य में।

अनंत – आकाश, जिसका अंत न हो, ईश्वर, शेषनाग।

अरूण – हल्का लाल रंग, सूर्य का सारथी, प्रभात का सूर्य।

अवकाश – छुट्टी, बीच के आराम का समय, मौका।

तम – अँधेरा, कालिख, अज्ञान, क्रोध, राहु, पाप।

पद – पैर, शब्द, छंद, पदवी, अधिकार, स्थान, भाग, गीत।

मधु – शहद, एक राक्षस, मधु ऋतु (वसंत)।

सूर – सूर्य, सूरदास एक कवि, अंधा व्यक्ति, शूरवीर।

विहंग – पक्षी, वाण, बादल, विमान, सूर्य, चन्द्रमा, देवता।

सारंग – हिरन, बादल, पानी, मोर, शंख, पपीहा, हाथी, सिंह, राजहंस, भ्रमर, कपूर, कामदेव, कोयल, धनुष, मधुमक्खी , कमल, भूषण।

सार – रस, रक्षा, जुआ, लाभ, उत्तम, पत्नी का भाई, तलवार, तत्त्व।

सूर – वीर, अन्धा, एक कवि, सूर्य, अर्क, मदार, आचार्य, पण्डित।

सैन – सेना, संकेत, बाज पक्षी, इंगित, लक्षण, चिन्ह।

हरि – विष्णु, इन्द्र, बन्दर, हवा, सर्प, सिंह, आग, कामदेव, हंस, मेंढक, चाँद, हरा रंगा

हीन – नीचा, तुच्छ, कम, रहित, छोड़ा हुआ, अल्प, निष्कपट, बुरा, शून्य।

हंस – आत्मा, योगी, श्वेत, घोड़ा, सूर्य, सरोवर का पक्षी।

क्षेत्र – शरीर, तीर्थ, गृह, प्रकृति, खेल, स्त्री।

अमृत – जल, दूध, अमर, अन्न, सुधा, पारा, प्रिय, सुन्दर, आत्मा, शिव, घी, धन।

अब्ज – कपूर, अरब की संख्या, कमल, चन्द्रमा, शंख।

अपेक्षा – आशा, आवश्यकता, इच्छा, आकांक्षा, लालच, अनुरोध, भरोसा, तुलना।

अनन्त – अन्तहीन, शेषनाग, लक्ष्मण, आकाश, विष्णु।

अरस – आकाश, नीरस, आलस्य, महल, रसशून्य, अनाड़ी, सुस्ती, बेस्वाद।

अरुण – सूर्य का सारथी, लाल, सूर्य, गरुड़, तड़का, सिन्दूर, केसर।

अन्तर – फ़र्क, भीतर, अन्तरिक्ष, समय, व्यवधान।

अपवाद – किसी नियम के विपरीत, कलंक, निन्दा, विरोध, आदेश, आज्ञा।

अतिथि – मेहमान, अग्नि, अपरिचित, संन्यासी, आगन्तुक, अभ्यागत।

अर्क – सूर्य, सत्त्व, ताँबा, बिजली की चमक, स्फटिक, मदार, क्वाथ (काढ़ा) रविवार।

अर्थ – धन, प्रयोजन, तात्पर्य, कारण, लिए, अभिप्राय, निमित्त, फल, वस्तु, प्रकार।

अलि – सखी, भ्रमर, कोयल, बिच्छू, मदिरा, कौआ, कोयल, सहेली, पंक्ति, बाँध, सेतु।

अवि – सूर्य, पहाड़, पर्वत, आक, भेड़, मेष, वायु, कम्बल।

आम – सामान्य, एक फल, मामूली, अपक्व, आँव, कच्चा, आम्र।

आन – दूसरा, क्षण, शपथ, टेक, सीमा, बनावट, लज्जा, प्रतिज्ञा, विचार।

आतुर – उत्सुक, उतावला, रोगी, कमज़ोर, दुःखी, आहत, पीड़ित, व्यग्र, व्याकुल।

आराम – विश्राम, वाटिका, एक प्रकार का दण्डक वृत्त, फुलवाड़ी।

इतर – अन्य, नीच, चरस, अन्त्यज, अवशेष, बाकी, साधारण, दूसरा।

उरु – जाँघ, विशाल, श्रेष्ठ, विस्तीर्ण, अधिक मूल्यवान, जाँच।

अनेकार्थी शब्द: भाषा का साहसिक रहस्य

भाषा, समाज की सृष्टि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसमें कई रहस्य हैं, जो भाषा को और भी रोचक बनाते हैं। इसमें से एक रहस्यमय तत्व है “अनेकार्थी शब्द”। इस लेख में, हम जानेंगे कि अनेकार्थी शब्द क्या हैं और इनका भाषा में क्या महत्व है।

अनेकार्थी शब्द का अर्थ

अनेकार्थी शब्द वह शब्द है जिसका एक से अधिक अर्थ होता है। इसका अभिप्रेत अर्थ शब्द के संदर्भ और समय के आधार पर बदल सकता है। अनेकार्थी शब्दों का प्रयोग भाषा में समृद्धि और सुगमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

अनेकार्थी शब्दों के प्रकार

अनेकार्थी शब्दों के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि सामान्य अनेकार्थी और विशेष अनेकार्थी। सामान्य अनेकार्थी में शब्द का अर्थ सामान्यत: होता है, जबकि विशेष अनेकार्थी में शब्द का अर्थ विशेष संदर्भ और स्थिति के अनुसार बदल सकता है।

अनेकार्थी शब्दों का महत्व

अनेकार्थी शब्दों का महत्व भाषा को संवेदनशील और समृद्धि से भरपूर बनाता है। इन शब्दों का सही संदर्भ प्रदान करने से शब्दों का सही अर्थ स्पष्ट होता है और सुनने वाले को सही संदेश मिलता है। अनेकार्थी शब्दों का सही प्रयोग करने से भाषा में विविधता और सौंदर्य उत्पन्न होता है।

अनेकार्थी शब्दों का उपयोग

अनेकार्थी शब्दों का सही उपयोग करके हम भाषा में सुंदरता को बढ़ा सकते हैं और विचारों को स्पष्टता से प्रकट कर सकते हैं। इन शब्दों का उपयोग कविता, कहानी, और अन्य साहित्यिक रचनाओं में भी होता है, जिससे भाषा में रस बना रहता है और पाठकों को अधिक प्रभावित करता है।

समापन

अनेकार्थी शब्द भाषा के सौंदर्य और समृद्धि को बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इसके माध्यम से ही भाषा में मेल-जोल होती है और शब्दों का सुंदर और सर्वोत्तम अर्थ प्राप्त होता है। अनेकार्थी शब्दों का सही उपयोग करके हम अपनी भाषा को और भी सुंदर बना सकते हैं और समृद्धि में सहयोग कर सकते हैं।

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